Mahakumbh मेले के कारण देश के शीर्ष 20 हवाई अड्डों में प्रयागराज शामिल, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का भी संचालन

प्रयागराज:

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इन दिनों एक ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिल रहा है। दरअसल प्रयागराज महाकुंभ मेला 2025 ने इस क्षेत्र की हवाई यात्रा को पूरी तरह से बदल दिया है। 13 जनवरी में शुरू हुआ यह महाकुंभ 26 फरवरी 2024 को शाही स्नान के साथ समाप्त होगा। इसमें श्रद्धालुओं और पर्यटकों की अभूतपूर्व भीड़ उमड़ रही है। इसके चलते प्रयागराज एयरपोर्ट अब भारत के शीर्ष 20 एयरपोर्ट्स में शामिल हो गया है। यह पटना, चंडीगढ़ और गोवा के मोपा जैसे एयरपोर्ट्स से भी आगे निकल गया है। इससे उत्तर प्रदेश के लिए नई संभावनाएं पैदा हुई हैं। मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रयागराज, अयोध्या और वाराणसी को जोड़ने वाले बढ़ते टूरिस्ट सर्किट के साथ, यह क्षेत्र साल भर पर्यटकों को आकर्षित कर सकता है। यह ओलंपिक जैसे बड़े आयोजनों के प्रबंधन के लिए एक अच्छा उदाहरण पेश कर सकता है।

पहले प्रयागराज एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या सामान्य रहती थी। लेकिन अब यहां रोजाना उतने ही यात्री आ-जा रहे हैं, जितने महाकुंभ शुरू होने से पहले पूरे महीने में आते थे। एयरपोर्ट के टर्मिनल और एप्रन क्षेत्र को बढ़ाया गया है। इसके चलते अब रात में भी विमानों का संचालन हो रहा है। जिससे काफी ज्यादा विमान उड़ान भर पा रहे हैं। महाकुंभ से पहले के मुकाबले अब उड़ानों की संख्या चार गुना से भी ज़्यादा हो गई है। हवाई किराए भी आसमान छूने लगे। जब सोशल मीडिया पर लोगों की शिकायतें बढ़ने लगीं तो सरकार ने इस पर ध्यान दिया। सरकार और एयरलाइंस ने मिलकर काम किया। उन्होंने विमानों की संख्या बढ़ाई। ज़्यादा लोगों को ले जाने वाले बड़े विमान लगाए। इसके बाद धीरे-धीरे किराए भी कम होने लगे।

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एविएशन एनालिटिक्स फर्म सिरियम के आंकड़ों के मुताबिक, प्रयागराज एयरपोर्ट कुछ दिनों में 42 से ज़्यादा विमानों की उड़ान को संभाल सकता है। यह पहले के मुकाबले चार गुना ज़्यादा है। इस बढ़ोत्तरी में स्पाइसजेट सबसे आगे है। एयरपोर्ट से चलने वाली 283 साप्ताहिक उड़ानों में से 116 स्पाइसजेट की हैं। इंडिगो 82 उड़ानों के साथ दूसरे नंबर पर है। एयर इंडिया की भी 32 साप्ताहिक उड़ानें हैं। सरकारी एयरलाइन एलायंस एयर की 28 और अकासा एयर की 25 साप्ताहिक उड़ानें हैं। स्पाइसजेट इस फायदेमंद रूट पर पूरा ध्यान दे रही है। इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रयागराज के लिए स्पाइसजेट की उड़ानें उसकी कुल घरेलू उड़ानों का लगभग 13% हैं।

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यही नहीं कनेक्टिविटी भी बढ़ी है। प्रयागराज अब 17 अलग-अलग शहरों से जुड़ा है। दिल्ली सबसे आगे है, जहां से 87 साप्ताहिक उड़ानें हैं। मुंबई से 53 और बेंगलुरु से 36 उड़ानें हैं। सिर्फ़ प्रयागराज ही नहीं, बल्कि आस-पास के इलाके भी इस बढ़ी हुई कनेक्टिविटी का फ़ायदा उठा रहे हैं। अयोध्या और वाराणसी की यात्राएं श्रद्धालुओं में लोकप्रिय हो रही हैं। इससे मुख्य सड़कों पर भीड़ बढ़ रही है। उदाहरण के लिए, इस फरवरी में वाराणसी में पिछले साल के मुकाबले 40% ज़्यादा उड़ाने चल रही हैं।

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भारत के शीर्ष 10 एयरपोर्ट्स

एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के अनुसार, दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट सबसे ऊपर है। मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज एयरपोर्ट 20.2% की बढ़ोतरी के साथ दूसरे नंबर पर है। बेंगलुरु के केंपेगौड़ा एयरपोर्ट (BLR) ने 17.6% की वृद्धि दर्ज की है।

हैदराबाद और चेन्नई में क्रमशः 19.3% और 14.2% की बढ़ोतरी हुई है। कोलकाता का नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट पूर्वी भारत का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट बना हुआ है। अहमदाबाद और कोच्चि ने भी अच्छी प्रगति की है। पुणे में 19% की वृद्धि हुई है। गोवा के डाबोलिम एयरपोर्ट में 17.8% की गिरावट आई है क्योंकि मोपा एयरपोर्ट के शुरू होने से वहां के यात्री अब मोपा जाने लगे हैं।

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